लगभग सभी आधुनिक कारों को अब भारत में एयरबैग के साथ पेश किया जाता है. भले ही वे स्टैण्डर्ड नहीं हैं, फिर भी निर्माता बाजार में उपलब्ध लगभग सभी सस्ती कारों के साथ वैकल्पिक रूप से एयरबैग ऑफ़र करते हैं और कई ग्राहक सुरक्षा कारणों के चलते नियमित रूप से एयरबैग वेरिएंट चुनते हैं. यदि आपके पास एयरबैग वाली कार है, तो कुछ चीजें हैं जिनके बारे में आपको सावधान रहना चाहिए. यहां सात ऐसी चीजें हैं जिन्हें आपको एयरबैग वाली कार के साथ नहीं करना चाहिए.
बुलबार्स लगाना
कार में मौजूद सेंसर जो टकराव का पता लगाते हैं और एयरबैग को तैनात करते हैं, वाहन के अगले हिस्से में लगाए जाते हैं. टक्कर पर, सेंसर एयरबैग को खोल देते हैं जो कि पैसेंजर्स को चोटों से बचाते हैं. वाहन में बुलबार लगाना दुर्घटना के दौरान सेंसर के काम करने में रुकावट पैदा करता है. कुछ मामलों में, एयरबैग बुलबार के कारण बिल्कुल ही नहीं खुलते, जबकि अन्य में, एयरबैग के खुलने में देरी हो सकती है और यह कार में बैठे यात्रियों के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है.
डैशबोर्ड पर पैर रखना
कई सह-चालक अपने पैरों के लिए सपोर्ट के रूप में डैशबोर्ड का उपयोग करते हैं. यदि वाहन में सह-चालक एयरबैग है, तो यह बेहद खतरनाक हो सकता है. एयरबैग एक छोटे से विस्फोट के साथ तैनात होते हैं जो लगभग तुरंत एयरबैग को फुलाता है. विस्फोट आपके पैरों की हड्डी को तोड़ सकता है और उन्हें स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं जहां सह-चालक ने एयरबैग खुलने के चलते अपने पैरों को खो दिया था. यहां तक कि यदि वाहन में सह-चालक एयरबैग नहीं है, तो भी डैशबोर्ड पर पैर रखे रहना एक आदर्श स्थिति नहीं है और ऐसा करने पर दुर्घटना के मामले में पैरों को गंभीर चोट लग सकती है.
स्टीयरिंग के बेहद्द करीब बैठना
ड्राइवर-साइड एयरबैग हमेशा स्टीयरिंग व्हील में लगा होता है. कई ड्राइवरों को स्टीयरिंग व्हील के बहुत करीब बैठने की आदत होती है. दुर्घटना के मामले में, एयरबैग खुलने से विस्फोट ड्राइवर के चेहरे को चोट पहुंचा सकता है. इसके अलावा, स्टीयरिंग व्हील के बहुत करीब बैठने से एयरबैग को पूरी तरह से फुलाए जाने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता और एयरबैग्स ड्राइवर को प्रभाव से बचाने के लिए पर्याप्त कुशन प्रदान नहीं कर पाते हैं. स्टीयरिंग व्हील से दूरी पर बैठने की हमेशा सलाह दी जाती है. आप स्टीयरिंग व्हील पर अपना हाथ डाल सकते हैं और अपने हाथ की कलाई आदर्श दूरी के लिए स्टीयरिंग व्हील पर रहनी चाहिए.
सीटबेल्ट नहीं लगाना
एयरबैग वाली कार में सीटबेल्ट नहीं पहनना खतरनाक हो सकता है. एयरबैग हमेशा सीटबेल के साथ टेस्ट किए जाते हैं और सीटबेल्ट नहीं लगाने पर कई कार्स यात्रियों को चोटों से बचाने के लिए एयरबैग तैनात नहीं करती हैं. सीटबेल्ट्स यात्रियों की फ्री-फॉल को रोकती हैं और साथ ही एयरबैग्स को सही तरह से फूलकर तैनात होने के लिए समय देती हैं. सीटबेट नहीं लगाने पर दुर्घटनाओं के दौरान एयरबैग खुलने के कारण चोट लग सकती है.
सीट कवर्स लगाना
कई आधुनिक किफायती कारों ने साइड एयरबैग की पेशकश शुरू कर दी है और आपको इस तरह के साइड एयरबैग वाली कारों के साथ अत्यधिक सावधान रहना चाहिए. ज्यादातर कारों में, सीट के अंदर साइड एयरबैग लगे होते हैं और सीट कवर को एयरबैग तैनात करते समय आसानी से अलग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. साइड एयरबैग के साथ कारों पर सीट कवर डालने से एयरबैग खुलने में हस्तक्षेप होता है और इससे यात्रियों को नुक्सान पहुँच सकता है. आपको कभी भी एयरबैग के साथ कारों में सीट कवर नहीं लगाने चाहिए.
डैशबोर्ड पर सजावट लगाना
-चालक एयरबैग के साथ वाली कारों में डैशबोर्ड पर सजावट सामान लगाने पर यह बेहद हानिकारक हो सकता है जब एयरबैग तैनात किया जाता है. एयरबैग तैनात होने के लिए डैशबोर्ड को तोड़ता है और इन्हें तैनात होने में पलक झपकने का समय लगता है. यदि कोई फोटो फ्रेम की तरह डैशबोर्ड सजावट है, तो यह प्रोजेक्टाइल बन सकता है और यात्रियों को इससे चोट लग सकती है. यह बहुत खतरनाक हो सकता है और आपको सह-चालक एयरबैग के साथ आने वाली कारों के डैशबोर्ड पर किसी भी प्रकार का आभूषण नहीं लगाना चाहिए.
बिना एयरबैग्स ऑफ किए सह-चालक सीट पर चाइल्ड सीट रखना
अधिकांश आधुनिक कारें पीछे की ओर Isofix हुक के साथ आती हैं ताकि बच्चे की सीट सुरक्षित रूप से फिट हो सके. हालांकि, ऐसी कई कारें हैं जो अभी भी Isofix हुक की पेशकश नहीं करती हैं लेकिन एयरबैग की पेशकश करती हैं. कई माता-पिता बच्चे की सीट सह-चालक सीट पर रखते हैं और यात्री एयरबैग को बंद नहीं करते और यह बेहद खतरनाक है. ऐसा क्यों? एयरबैग अत्यधिक बल के साथ खुलते हैं और बच्चे को पीछे की तरफ धक्का दे सकते हैं जिससे चोट लग सकती हैं. बच्चों को एयरबैग की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि उनके सिर डैशबोर्ड पर किसी भी तरह नहीं टकराएंगे.