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डीलर ने नई बता बेची पुरानी Tata कार: कोर्ट ने नई कार से भरपाई करवाई, डीलर पर भारी जुर्माना

हाल ही में हमने आपके सामने एक स्टोरी पेश की थी जिसमें Skoda डीलरशिप द्वारा कार रिपेयर के नाम पर अपने एक  ग्राहक से लगभग एक लाख रुपए ओवरचार्ज किये गए थे. अब गोरखधंधे का एक और मामला Tata डीलरशिप का सामने आया है, जो की और भी ज़्यादा चौंका देने वाला है. इस Tata डीलरशिप ने अपने एक ग्राहक को, एक पुरानी कार नई बता कर बेच दी. डीलर की ये कारस्तानी बाद में पकड़ में आ गयी और उस पर भारी जुर्माना भी ठोका गया.

डीलर ने नई बता बेची पुरानी Tata कार: कोर्ट ने नई कार से भरपाई करवाई, डीलर पर भारी जुर्माना

The Times of India की एक रिपोर्ट के अनुसार, अम्बाला की Metro Motors, चंडीगढ़ स्थित Berkeley Tata Motors, पंचकुला स्थित Banarsi Das Automobiles और मुंबई स्थित Tata Motors को, अपने ग्राहक को पुरानी कार को नया बता कर बेचने का दोषी पाया गया है.  इस मामले में डीलरशिप, सर्विस सेंटर और Tata Motors को सज़ा सुनाई गयी है.

10 जनवरी 2015, को पंचकुला के Mr. Atul Kumar Aggarwal ने पंचकुला स्थित Banarsi Das Automobiles से 3.61 लाख रुपए में एक Tata कार खरीदी. कुछ ही समय में कार में दिक्कतें आने लगी और इसमें कुछ अप्रत्याशित समस्याएँ खड़ी हो गयीं. Atul ने अपनी कार की पहले सर्विस 8 फरवरी 2015 को करवाई लेकिन सर्विस के बाद भी कार में आ रही समस्याओं का निवारण नहीं हो पाया. मेकैनिक्स द्वारा कई बार अपना पूरा ज़ोर लगा लेने के बाद भी वो गाड़ी में आ रही दिक्कतों और उसके निवारण का कोई रास्ता नहीं निकाल पाए. इस पूरी कष्टदायक प्रक्रिया से गुज़रने और परेशान हो जाने के बाद Atul Kumar ने District Consumer Disputes Redressal Forum में शिकायत दर्ज कराने का फैसला लिया.

डीलर ने नई बता बेची पुरानी Tata कार: कोर्ट ने नई कार से भरपाई करवाई, डीलर पर भारी जुर्माना

उसके बाद सभी पक्षों की मौजूदगी में, PEC University of Technology, Chandigarh द्वारा गठित एक कमेटी ने 30 नवंबर 2017 को गाड़ी का निरीक्षण किया. कमेटी द्वारा जमा की गई रिपोर्ट में ये उजागर हुआ कि, कार के टर्बोचार्जर, इंजेक्टर और फ्यूल लाइन्स को बदलने और अल्टरनेटर की मरम्मत के बाद भी, कार के काला धुंआ छोड़ने वाली समस्या का कोई निवारण नहीं हो पाया. कार में कोल्ड स्टार्ट और पिक-अप से जुड़ी भी समस्या थी.  गाड़ी के सूक्ष्म निरीक्षण और टेस्ट ड्राइव के बाद कमेटी ने कहा कि, शिकायतकर्ता द्वारा अपनी शिकायत में दर्ज कराई गयीं समस्याएं सही पायी गयी हैं.

सबूतों के परीक्षण के बाद फोरम इस नतीजे पर पहुंचा की, Banarsi Das Automobiles ने जानबूझ कर अपने ग्राहक को एक ‘दुर्घटनाग्रस्त रेपेयर्ड’ कार बेची है. Berkeley Tata Motors (सर्विस सेण्टर) और कार निर्माता होने के नाते Tata Motors को भी इस मामले में दोषी पाया गया.

फोरम ने सभी सम्बंधित पक्षों को ‘अनुचित व्यापार प्रथाओं’ में शामिल होने का दोषी बताते हुए, 1 लाख रुपए का मुआवज़ा अदा करने के निर्देश दिए. फोरम ने डीलर को निर्देशित किया कि वो शिकायतकर्ता को या तो उसके द्वारा चुकाई गई पूरी की पूरी राशि ब्याज समेत वापस करे या पुरानी कार की जगह नई कार दे. इस तरह फोरम ने ग्राहक को इन्साफ दिलाया.

इस वाक़ये को सुनने के बाद अब हर ग्राहक अपनी खरीदी हुई नयी कार को शोरूम से निकालने के पहले सौ बार ठोक-बजाकर ये सुनिश्चित करना चाहेगा कि उसकी कार ब्रांड-न्यू ही है. इतनी लम्बी लड़ाई के बाद ग्राहक को इन्साफ तो मिल गया लेकिन इस दौरान उनके द्वारा उठाए गए कष्टों की भरपाई कौन करेगा?

वाया — TOI