2005 में Swift हुई थी इंडियन मार्केट में लॉन्च और Maruti को ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था की ये गाड़ी आगे जा कर रिकॉर्ड सेट करेगी. लॉन्च के समय से ही अपने सेगमेंट (मिड-साइज़ hatchback) में ये सबसे ज्यादा बिकने वाली कार रही है और इंसेप्शन के वक़्त से अब तक इसने 17 लाख यूनिट्स की बिक्री की है. नयी-नवेली Swift ने पिछले महीने किया अपना ग्लोबल डेब्यू और अब वक़्त आ गया है इस hatchback की इंडिया में एंट्री का. हमने ये गाड़ी लोनावला के खूबसूरत शहर में चलायी और हमें तो ऐसी लगी गाड़ी.
देखने में है खास
नयी Swfit देखने में है शानदार. हम तो बस ये सोच रहे हैं की 17-इंच अलॉय व्हील्स पर लो-प्रोफाइल टायर्स और कॉन्ट्रास्टिंग रूफ़ कलर के साथ ये गाड़ी कैसी दिखेगी. इस hatchback में एक स्टनर के सभी इन्ग्रीडीएंट हैं और हमें उम्मीद है की मॉडिफिकेशन शॉप्स के बाहर ये गाड़ी खूब दिखेगी.
जैसी उम्मीद थी, Swift का फ्रंट एन्ड नयी Dzire जैसा है. लेकिन इसमें कुछ बदलाव हैं. Swift थोड़ी नीची है और ये इसे एक काफी sporty स्टांस देता है. ये बात इसे काफी कुछ एक प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय हॉट hatchback जैसा बनाती है.
इसके ‘sporty’ और यंग नेचर को देखते है ग्रिल के चारों ओर के क्रोम पैकेज को छोड़ दिया गया है. ग्रिल खुद भी दिखती है अलग और इसमें मल्टीपल स्लैट्स हैं. बम्पर है बिलकुल नया और इसके निचले किनारे पर एक काली हॉरिजॉन्टल स्ट्राइप है.
साइड को देखें तो, नई Swift का निचला स्टांस साफ़ दिखता है. यहाँ हाइलाइटेड फ़ीचर है रियर डोर्स का हैंडल. जो की है ही नहीं. उसकी जगह है Chevrolet Beat और Mahindra KUV जैसा दिखने वाला हैंडल जो मैट-ब्लैक प्लास्तिंग केसिंग में है और ये एक्सटेंड होती है रियर विंडशील्ड तक. ये इस गाड़ी को देता है एक कैमोफ्लाज्ड लुक और गाड़ी में ऐड करता है एक टू-डोर लुक. D-पिलर को रूफ़ से बिलकुल नीचे एक ब्लैक प्लास्टिक पार्ट दिया गया है और ब्लैक A-पिलर के साथ रूफ़ को मिलता है एक फ्लोटिंग इफ़ेक्ट Swift का रियर है यूनिक और काफी कुछ रिज़ेम्बल करता है पुराणी BMW 1 सीरीज को जो मालिकों को काफी पसंद आयेगा. हर लिहाज़ से ये गाड़ी पिछली Swift से कहीं ज्यादा क्लासी लगती है.
नयी Swift आउटगोइंग वर्ज़न से चौड़ी भी है. ग्राउंड क्लियरेंस 7mm कम हो गया है. जहाँ तक व्हील्स की बात है, जहाँ L और V वर्ज़न आते हैं 165/80 R14 टायर्स के साथ, Z लाइन-अप को मिले हैं ज्यादा चौड़े 185/65 R15. Z पर अलॉय स्टैण्डर्ड हैं और रेंज-टॉपिंग Z+ को मिले हैं ड्यूल टोन लेज़र कट वर्ज़न. ये वाकई कमाल लगते हैं.
टॉप-एन्ड Z लाइन-अप आती है LED DRLs और LED प्रोजेक्टर हेडलैम्प्स के साथ जो की इस सेगमेंट में पहले हैं. ये देते हैं Swift को एक काफी आला फील और इसे वाकई बनाते हैं प्रीमियम.
बिलकुल नए इंटीरियर
Swift का केबिन भी है बिलकुल नया और इस सेगमेंट के लिए काफी शानदार दिखता है. आल-ब्लैक थीम बढ़िया लग रही है और हमें तो फ्लैट बॉटम स्टीयरिंग व्हील आई बेहद पसंद. यहाँ Dzire के मुकाबले में कुछ चीज़ें अलग हैं: डायल के लिए लाल सराउंड, रोटरी एयर-कॉन वेंट्स, और अलग क्लाइमेट कण्ट्रोल नॉब्स जिनमें तापमान दिखाने के लिए इनबिल्ट LED स्क्रीन्स हैं. स्टीयरिंग व्हील खुद भी लेदर में रैप्ड है और इस पर बटन्स हैं इन्फोटेनमेंट को कण्ट्रोल करने के लिए.
सीट्स भी हैं बिलकुल नयी और ये बॉडी-हगिंग हैं. हाई-स्पीड टर्न्स में आप सीट से डिसप्लेस्ड महसूस नहीं करेंगे. टॉप-एन्ड वर्ज़न में सीट को हाइट के लिए एडजस्ट किया जा सकता है और इससे आप रहेंगे शुरू से ही कम्फर्टेबल पोजीशन में. लेकिन, स्टीयरिंग व्हील को सिर्फ हाइट के लिए सेट किया जा सकता है और टेलीस्कोपिक एडजस्टमेंट संभव नहीं है.
नयी नवेली Swift को SmartPlay इन्फोटेनमेंट सिस्टम भी दिया गया है टॉप-एन्ड Z+ ट्रिम्स में. ये सिस्टम वैसा ही है जैसा हम दूसरे Maruti मॉडल्स में देखते हैं और इसे दिए गए हैं Android Auto और Apple CarPlay इंटीग्रेशन. स्क्रीन वाइड एंगल रियर कैमरा के लिए डिस्प्ले की तरह भी काम करती है. अगर आप स्मार्टफोन कनेक्टिविटी आप्शन से कनेक्टेड हों तो इन्फोटेनमेंट को कण्ट्रोल करने के लिए वॉयस कमांड भी दे सकते हैं.
नयी Swift का व्हीलबेस भी, कुछ मिलीमीटर ही सही लेकिन लम्बा है. नतीजतन, फ्रंट पैसेंजरों के लिए लेगरूम ज्यादा है जिससे पीछे जगह बढ़ जाती है. इसका बूट ही कार की पिछली जेनेरेशन से 58 लीटर बड़ा है. अब ये गाड़ी 268 लीटर लगेज उठा सकती है जो की इस सेगमेंट के लिए पर्याप्त है.
रियर सीट्स भी contoured हैं और ज्यादा शोल्डर-रूम के साथ, अब तीन लोग रियर बेंच सीट पर बैठ सकते हैं. लेकिन, दो रियर सीट पैसेंजर फिर भी ज्यादा कम्फ़र्टेबल रहेंगे. फ्रंट सीट को एक 6” लम्बे आदमी के लिए सेट करने पर भी पीछे एक 5”10′ के आदमी के लिए पर्याप्त जगह है. लेकिन, क्या ही अच्छा होता अगर रियर पैसेंजर के लिए ज्यादा हेडरूम और रियर AC वेंट्स होते.
आपकी छोटी मोटी चीज़ें रखने के लिए Swift में है काफी जगह. फ्रंट में 2 कप होल्डर्स हैं और फ्रंट की 2 सीट्स के बीच में एक बोतल होल्डर है. चारों डोर्स में वाटर बौटल होल्डर्स हैं और 12V सॉकेट और USB और AUX इनपुट के बिलकुल नीचे आपका फ़ोन और कुछ और चीज़ें रखने की जगह भी है.
Maruti सभी वेरिएन्ट्स पर एबीएस और 2 एयरबैग स्टैण्डर्ड फ़ीचर्स के रूप में ऑफर कर रही है. कंपनी के मुताबिक, नयी Swift सभी इंडियन क्रैश टेस्टिंग और पेडेस्ट्रियन सेफ्टी नोर्म्स को भी फॉलो करती है.
बेहतर परफॉरमेंस?
Maruti ने वही 1.2 लीटर K12 पेट्रोल इंजन और 1.3 लीटर DDis डीज़ल इंजन कंटिन्यू किया है. पेट्रोल इंजन जेनेरेट करता है मैक्सिमम 83 बीएचपी पावर-113 एनएम् और डीज़ल इंजन का आउटपुट है 75 बीएचपी-190 एनएम्. पिछले जेनेरेशन वाली कार जितने पावर आउटपुट के बाद भी नयी नवेली Swift की फील है काफी बेहतर.
ऐसा इसलिए है क्योंकि Maruti ने Swift में इस्तेमाल किया HEARTECT प्लेटफार्म. ये वेरिएंट के अनुरूप गाड़ी का वज़न 85 किलो से 100 किलो तक कम कर देता है. इंजनों को बेहतर परफॉर्म करने के लिए फाइन-ट्यून किया गया है. गियर रेश्यो लेकिन पहले वाला ही है.
Maruti का दावा है की आउटराईट एक्सेलेरेशन के मामले में पेट्रोल इंजन अब पिछले वर्ज़न से 10% बेहतर परफॉर्म करता है जबकि डीज़ल इंजन 8% बेहतर परफॉर्म करता है. दोनों इंजनों को दिया गया है 5-स्पीड ट्रांसमिशन. ट्रांसमिशन को मैन्युअल या ऑटोमैटिक मैन्युअल ट्रांसमिशन आप्शन के रूप में अवेल किया जा सकता है, Maruti इसे AGS (ऑटो गियर शिफ्ट) कहती है.
ड्राइव करने में कैसी है?
समय की किल्लत की वजह से हम ड्राइव पर पेट्रोल ऑटोमैटिक वर्ज़न नहीं चला पाए लेकिन हमें डीज़ल ऑटोमैटिक, डीज़ल मैन्युअल, और पेट्रोल मैन्युअल के साथ वक़्त बिताने का मौका ज़रूर मिला. आगे पढ़िए हर वो चीज़ जो आप जानना चाहते हैं.
डीज़ल AMT: Maruti पहली बार Swift के साथ ऑफर कर रही है एक ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन और ये ब्रांड की मदद करेगा ज्यादा कार खरीददारों को अपनी तरफ आकर्षित करने में. डीज़ल इंजन की फील है सॉलिड और ये एक जांचा-परखा मोटर है. पिछले जेनेरेशन की Swift बड़ा ही ज़ाहिर सा इन्फेमस टर्बो-लैग था उसे Maruti ने काफी हद तक कम कर दिया है. पावर आउटपुट अब काफी स्मूथ है और हैवी ट्रैफिक की स्थितियों में मदद करता है. इंजन में स्ट्रांग लो-एन्ड टार्क है और हलकी बॉडी इसे शुरुआती एक्सेलेरेशन में हेल्प भी करती है. ज्यादा पावर-टू-वेट रेश्यो के साथ, ये कहना गलत नहीं होगा की Swift डीज़ल चलाने में एक मज़ेदार गाड़ी है.
डीज़ल पर AMT बिलकुल सही लगता है. अगर आप रेगुलर स्पीड्स पर ड्राइव कर रहे हैं और गियर शिफ्ट सीमलेस हैं. अगर आपको गाड़ी तेज़ चलानी है तो शुरुआत में थोड़ा लैग फील होगा लेकिन आगे के गियर चेंज स्मूथ होते जायेंगे. बेहतर कण्ट्रोल के लिए आप इसे मैनुअल मोड में भी शिफ्ट कर सकते हैं और गियरबॉक्स एक सेकंड से भी कम समय में रिस्पौंड करता है. इंडिया में ये बेस्ट डीज़ल AMT है.
डीज़ल MT: डीज़ल मैन्युअल ट्रांसमिशन भी इम्प्रूव हुआ है. शार्ट थ्रो गियर लीवर गियर्स में परफेक्टली स्लॉट हो जाता है. गौरतलब बात ये है की डीजल मैन्युअल का क्लच सेगमेंट की दूसरी कारों की क्लच से काफी हल्का है. सिटी लिमिट्स में ये डेली कम्यूटरों की काफी मदद करेगा. 2,500 आरपीएम से ज़रा भी ऊपर होने से इंजन का शोर केबिन में सुनाई देने लगता है.
पेट्रोल MT: पेट्रोल इंजन हमेशा की तरह स्मूथ है और अर्बन ड्राइविंग वालों के बीच रहेगा हिट. फ्री-रेविंग इंजन ऑफर करता है ठीक-ठाक लो-एन्ड टार्क, और हमें लगता है ये इंजन AMT बॉक्स के साथ अच्छा परफॉर्म करेगा लेकिन दुर्भाग्य से हम ये सैंपल नहीं कर पाए. कुल मिलकर कम वज़न के कारण कार पुराने वर्ज़न से काफी अच्छी फील देती है और हलकी है.
आरामदायक और आसान?
नयी नवेली Swift को दिया गया है एक री-ट्यून्ड सस्पेंशन सेटअप जो बॉडी-रोल कम करता है. शार्प अन्ड्युलेशंस पर सस्पेंशन थोड़ा फर्म लग सकता है, लेकिन स्पीड बढ़ते जाने के साथ इमपर्फेक्शन क्लियर होते जाते हैं. ग्राउंड क्लीयरेंस 7 mm कम हो कर 163 mm ज़रूर हो गया है लेकिन फर्म सस्पेंशन अंडरबॉडी को किसी भी चोट से सुरक्षित रखता है.
एक चीज़ जो हमें वाकई पसंद आई वह थी एफर्टलेस स्टीयरिंग. स्लो स्पीड्स पर ये हलकी है जो की एक मेट्रो सिटी के लिए वरदान है. और फिर भी, इसका वज़न बिलकुल ठीक है आलोचकों को भी खुश रखने के लिए. जो भी कार चला कर आप घर जाते हैं उससे Swift पर स्विच ओवर करना बिलकुल आसान लगेगा. एक्स्ट्रा वेट की वजह से डीज़ल वेरिएंट कर्व्स के अराउंड ओवरआल हैंडलिंग वाकई काफी बेहतर ड्राइव करता है. ऐसा नहीं की पेट्रोल वेरिएंट बुरा है, बस थोड़ा ज्यादा हल्का फ़ील होता है.
Maruti ने ओवरआल NVH लेवल भी काफी हद तक सुधार लिया है. डीज़ल वर्ज़न में केबिन काफी शांत लगता है. ओवरआल कम्फर्ट लेवल काफी हद तक बेहतर हुआ है ड्राईवर और पैसेंजर दोनों के लिए.
ABS सब वर्ज़ंस में स्टैण्डर्ड है और हमें ब्रेकिंग परफॉरमेंस संतोषजनक लगा. लिमिटेड टेस्ट रन के कारण, हम ये नहीं देख सके की इमरजेंसी ब्रेकिंग में गाड़ी कैसा परफॉर्म करेगी.
वैसे तो नयी Swift में फ़ीचर्स की एक लम्बी लिस्ट है, रियर AC वेंट्स और ऑटो डोर अनलॉक फ़ीचर्स इस गाड़ी में अब भी मिसिंग हैं और इनकी कमी खलने वाली है.
क्या आपको ये गाड़ी खरीदनी चाहिए?
Swift की कीमत अभी घोषित नहीं की गयी है. लेकिन, उम्मीद है की इसकी रेंज रु. 5 लाख-रु. 9 लाख के बीच होगी. नयी Swift एक कमाल का ओवरआल पैकेज है जो हर सेट के खरीददारों को आकर्षित करेगा. गाड़ी की परफॉरमेंस बेहतर है, बेहतर फ्यूल इकॉनमी है, और ड्राइव करने में काफी बेहतर है. टॉप-एन्ड Z+ ट्रिम में AGS का न होना थोड़ा खलने वाला है लेकिन Maruti को जानते हुए, ऐसा होने में भी अब ज्यादा देर नहीं है.
Maruti खुद को बेहतर करना जानती है और ये हमने उदाहरणों में पहले देखा है. क्या इसने फिर से ऐसा किया है? बिलकुल!!