Maruti Suzuki के अध्यक्ष R.C. Bhargava ने एक ऐसा दिलचस्प बयान दिया है जिसे सुन कर आप कम से कम शुरू में तो चौंक ही जाएंगे. हाल ही में दिए गए एक साक्षात्कार में Bhargava के पास कहने के लिए यह था,
लोगों को कार खरीदने के पहले इस बात पर विचार करना शुरू करना चाहिए कि क्या उन्हें कार खरीदने की ज़रूरत है. मैं 10 लाख रूपए कीमत की एक कार खरीदता हूँ और 80-90 प्रतिशत समय ये कार बेकार खड़ी रहती है. सोचिए यह पूँजी की कितनी बड़ी बर्बादी है.
हाँ, उन्होंने असल में यही बयान दिया है लेकिन इस बयान में और भी कई बातें हैं. Bhargava साहब ने यह ब्यान एक वृहद परिपेक्ष्य में दिया है और वो परिपेक्ष्य है साझा यातायात के साधन. Maruti के अध्यक्ष ने साझा यातायात के साधनों के पक्ष में बात रखते हुए इच्छा ज़ाहिर की है कि राज्य सरकारों को साझा यातायात के साधनों को बढ़ावा देने के लिए ज़्यादा प्रयास करने की ज़रूरत है. उनके अनुसार ऐसे वाहन सड़कों पर ट्रैफिक जाम, महंगे यातायात, और पार्किंग जैसी समस्याओं के समाधान में काफी सहायक होंगे.
यहाँ साझा यातायात के साधन से मुराद है ऐप-आधारित कार पूलिंग और ऐप-आधारित टैक्सी सेवाओं का अधिक उपयोग या फिर Zoomcar और Drivezy जैसे ऑन-डिमांड कार शेयरिंग प्लैटफॉर्म्स को बढ़ावा. ऐसी सेवाओं के पीछे का असल मक्सद ये है कि ज़रूरत पड़ने पर एक ही कार का इस्तेमाल ज़्यादा लोगों द्वारा किया जाये.
ऐसी सेवाएं अब भारत के अनेकों बड़े शहरों में विकसित हो चुकीं हैं जिस वजह से ऐसे शहरों के बाशिंदों के लिए एक या या एक से अधिक कारें रखना निरर्थक होता जा रहा है. आगे चल कर ऐसी सेवाओं के भारत के अन्य हिस्सों में भी अपने पंख पसारने की उम्मीद है.
वहीँ दूसरी ओर कार निर्माता कंपनियों के अग्रणी अधिकारीयों में से एक Maruti के अध्यक्ष ने अपने इस चौंका देने वाले बड़े बयान के साथ ही कुछ बड़ी बातें ये भी कहीं हैं,
साझा यातायात के साधनों के ज़रिए न केवल वाहनों का बेहतर इस्तेमाल होता है बल्कि ट्रैफिक जाम, पार्किंग के लिए जगह की कमी और महंगे होते जा रहे यातायात के साधन जैसी समस्याओं से निजात पाई जा सकती है. आज की तारीख में क़ानून — और ख़ासकर राज्य सरकारों के क़ानून — साझा यातायात के साधनों को प्रोत्साहित करने वाले नहीं हैं. और यह एक बड़ी समस्या है. में चाहूँगा की कुछ अच्छे क़ानूनों को एकरूपता दी जाये जिसके चलते लोग निजी यातायात के साधनों के इस्तेमाल की बजाए साझा यातायात के साधनों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित हों. एक कार कम्पनी की यह ज़िम्मेदारी है कि वो नागरिकों को किफायती दामों पर यातायात के बेहतर से बेहतर विकल्प मुहैय्या करवाए. जहाँ तक मेरे काम का सवाल है तो आपको निजी कार खरीद अपना नुकसान करने के लिए बढ़ावा देना मेरे काम का हिस्सा नहीं है.
लेकिन सोचने की बात है कि अगर लोगों ने अपने निजी वाहनों को त्याग साझा यातायात के साधनों का रुख कर लिया तो इससे Maruti Suzuki को क्या हासिल होने वाला है?
Maruti के अध्यक्ष का कहना है कि अधिकतर निजी कार मालिक अपनी कार का पूरा इस्तेमाल नहीं करते जिसका मतलब यह हुआ कि उस कार का औसत जीवन काल काफी बड़ा होता है. इसके चलते ऐसी कार्स अपने असल मालिक या किसी और के हाथों में एक ज़्यादा लम्बे अरसे के लिए सेवारत रहती है. और इस कार की जगह कोई नई कार लम्बे समय तक बाज़ार में नहीं आ पाती जिसका सीधा नुक्सान कार कंपनियों को अपने माल की कम खपत के रूप में उठाना पड़ता है. Maruti के चेयरमैन ने विषय पर अपनी बात इन शब्दों रखी,
किसी कार को उपयोग से बाहर कर नई कार से बदल दिए जाने की अवधि का निर्धारण के पीछे का सबसे बड़ा पैमाना होता है यह कार चली कितनी है. अब अगर वो लोग जो पहले यातायात के लिए दो पहिया या ऑटो का इस्तेमाल करते थे अधिक संख्या में कार का इस्तेमाल शुरू कर दें तो ऐसे में क्या कार्स के उपयोग में बढ़ोतरी होगी या नहीं. ऐसे में पुरानी कार्स इस्तेमाल से बाहर होंगी और उनकी जगह नई कारें बाज़ार में आएंगी जिससे मेरी बिक्री बढ़ेगी. यही कारण है कि में साझा यातायात के साधनों का पक्षधर हूँ.
क्या आपको भी साझा यातायात के साधनों का उपयोग एक अच्छा विचार लगता है? कमेंट कर जरूर बताएं.