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ज़्यादा चमक वाली हेडलाइट्स के चलते जल्द होगा ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन रद्द!

केरल का मोटर परिवहन विभाग जल्द ही आफ्टरमार्केट HID — हाई-इंटेंसिटी डिस्चार्ज लैम्प्स (तेज़ रौशनी वाली लाइट्स) — लगी गाड़ियों पर कार्यवाही करना शुर करेगा. विभाग ने गाड़ियों से HID हटाने के लिए 31 जनवरी 2019 तक का समय दिया है, उसके बाद 1 फ़रवरी से राज्यभर में कार्यवाही शुरू होगी.

ट्रांसपोर्ट कमिश्नर K Padmakumar ने कहा की इस परकार के मॉडिफाइड गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को रद्द कर दिया जाएगा और ड्राईवर के ड्राइविंग लाइसेंस को निलंबित कर दिया जाएगा.

ज़्यादा चमक वाली हेडलाइट्स के चलते जल्द होगा ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन रद्द!

केरल के ट्रैफिक कमिश्नर K Padmakumar के New Indian Express से कहा,

मैंने राज्य के सारे डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नरों को निर्देश दिया है की वो हर क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट ऑफिसर की अध्यक्षता में एक टीम बनाएं. ये टीम 31 जनवरी से काद्य्वाही शुरू करेगी. चूंकि हमने पहले ही सार्वजनिक नोटिस जारी कर दिया है, मालिक को एक प्राइवेट नोटिस भेज दिया जाएगा. अगर वो इन्हें हटाने में विफल रहते हैं तो कारण-बताओ नोटिस भेजा जाएगा और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट रद्द करने के लिए ज़रूरी कदम उठाये जायेंगे. HID लैम्प्स के चलते कई एक्सीडेंट होते हैं. ऐसे हेडलाइट्स से निकलने वाली रौशनी बेहद तीव्र होती है जिससे सामने से आ रहे मोटर चालक को सामने कुछ नज़र नहीं आता और एक्सीडेंट की संभावना बढ़ जाती है. मैंने सभी डिप्टी ट्रांस्पोस्र्ट कमिश्नर एवं RTOs को सकहत कार्यवाही करने के लिए कहा है.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा कार्स, SUVs, और 2-व्हीलर्स पर किये गए मॉडिफिकेशन के अवैध करार दिए जाने वाले फैसले के बाद सभी मॉडिफाइड गाड़ियों के मालिक इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. पूरे भारत में केरल में मॉडिफिकेशन का चलन सबसे ज़्यादा है. लेकिन, ट्रैफिक कमिश्नर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बहुत पहले HID के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी थी.

HID हेडलैम्प्स बेहद तीव्र रौशनी उत्पन्न करते हैं और उनसे कुछ लोग चकाचौंधित हो जाते हैं. इनमें से कई आफ्टरमार्केट हेडलैम्प्स अच्छे से लगाए नहीं जाते, और वो सीधा सामने से आ रही गाड़ी के ड्राईवर की आँखों पर रौशनी फेंकते हैं. इससे बड़े एक्सीडेंट हो सकते हैं. कई निर्माता गाड़ी में HID लैम्प्स ऑफर करते हैं लेकिन ऐसे लैम्प्स को अच्छे से लगाया जाता है और इनमें प्रोजेक्टर लैम्प्स होते हैं जो रौशनी को सीधा सामने से आ रहे ड्राईवर की आँखों की ओर नहीं फेंकते.

पिछले साल, मोटर व्हीकल डिपार्टमेंट ने रौशनी मापने वाले मीटर को खरीदने का फैसला किया था ताकि वो उसकी तीव्रता को माप सकें. ऐसे मीटर रौशनी की तीव्रता को बेहद अचूक ढंग से मापते हैं. इन मीटर्स को राज्य के 14 ज़िलों में बांटा गया है और पुलिस को इन्हें इस्तेमाल करने के लिए पर्याप्त ट्रेनिंग भी दी गयी है. ये मीटर रौशनी की तीव्रता के हिसाब से बिजली उत्पन्न कर सही रीडिंग देते हैं.

ध्यान दिया जाना चाहिए की पुलिस ऐसे ड्राइवर्स को रात में पकड़ने की योजना बना रही है. इससे ऐसे कई लोगों पर प्रभाव पड़ सकता है जिन्होंने रात में बेहतर ड्राइविंग के लिए अपने लाइट्स को मॉडिफाई करवाया है. बोनट के ऊपर लगे आफ्टरमार्केट औक्स लैम्प्स भारत में गैरकानूनी हैं. आम सड़क पर चलते हुए बोनट से नीचे लगे आफ्टरमार्केट लैम्प्स को ढंका जाना ज़रूरी है. ऐसे आफ्टरमार्केट लैम्प्स केवल ऑफ-रोडिंग के लिए बने हैं और इन्हें आम सड़क पर इस्तेमाल करना गैरकानूनी होता है. सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले के साथ अब केरल एवं बाकी राज्यों में ऐसे मुहीम और भी ज़्यादा देखने को मिलेंगे.