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राज्य सरकारों की दबंगई : Bentley Continental GT के मालिक को री-रजिस्ट्रेशन के लिए देने पड़े रु. 60 लाख

केरल में राज्य के पंजीकृत वाहनों को जब्त करने के लिए सख्त अभियान के बाद, केरल राज्य सरकार ने एक आमदनी योजना की घोषणा की है. ये योजना, 30 अप्रैल 2018 तक वैध है. ये योजना लोगों को केरल रोड टैक्स का भुगतान करने की अनुमति देती है यदि वाहन किसी अन्य राज्य में पंजीकृत है लेकिन केरल की सड़कों पर चलाया जाता है। केरल के अधिकतर लक्ज़री कार खरीदार अपनी वाहन को पांडिचेरी में रजिस्टर करवाते हैं क्यों वो एक यूनियन टेरिटरी है और वहाँ कार्स पर काफी कम रोड टैक्स है. हाल ही में टैक्स बचाने के लिए मोटर वाहन विभाग (MVD) द्वारा कई लक्जरी कारों को जब्त करने के बाद यह कदम उठाया गया है।

राज्य सरकारों की दबंगई : Bentley Continental GT के मालिक को री-रजिस्ट्रेशन के लिए देने पड़े रु. 60 लाख

इस योजना का लाभ उठाने वाले पहले कार मालिक Sayed Nazeer हैं जो अपनी Bentley Continental GT को केरल में दोबारा रजिस्टर करवाने आए थे. Sayed साहेब की कार की कीमत लगभग रु. 3 करोड़ है जो पांडिचेरी में उनकी बीवी के नाम रजिस्टर्ड है. केरल अधिकारियों ने इस कार के लिए रु. 60 लाख लिए हैं, जो इस कार की कीमत का 20% है और जल्द ही इस कार को केरल राज्य का रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाएगा। इस Bentley को पांडिचेरी RTO से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) मिलने के बाद इसका PY नंबर हट जाएगा।

राज्य सरकारों की दबंगई : Bentley Continental GT के मालिक को री-रजिस्ट्रेशन के लिए देने पड़े रु. 60 लाख

यह ध्यान देने वाली बात है कि अगर किसी वाहन के 11 महीनों के बाद नए राज्य में स्थायी रूप से चलने के बाद भी रोड टैक्स का भुगतान नहीं किया जाता है, तो किसी अन्य राज्य की रजिस्टर्ड कार को चलाते रहना अवैध है। अलग-अलग राज्यों के पास इस मामले के लिए अलग-अलग नीतियां होती हैं पर यदि एक राज्य से बाहर रजिस्टर्ड वाहन दूसरे राज्य में स्थायी रूप से चलता है, तो वाहन मालिक को 11 महीनों के भीतर उस नए राज्य में रोड टैक्स का फिर से भुगतान करना चाहिए। ऐसा RTO से NOC प्राप्त करके किया जा सकता है जहां वाहन पहली बार रजिस्टर्ड था.

राज्य सरकारों की दबंगई : Bentley Continental GT के मालिक को री-रजिस्ट्रेशन के लिए देने पड़े रु. 60 लाख

Maharashtra, Kerala और Karnataka जैसे कई राज्यों में ज़्यादा टैक्स होने के कारण कई लोग यूनियन टेरिटरीज़ में किराए पर घर दिखा कर वहाँ कम टैक्स रेट पर अपनी कार्स रजिस्टर्ड करवा लेते हैं. ये कानूनन जुर्म है अगर कार का मालिक उस घर में किराए पर असलियत में नहीं रहता। केरल सरकार की इस नई योजना से 100 करोड़ रूपए राज्य सरकार के खाते में जमा होने की सम्भावना है. MVD के अनुसार फ़िलहाल लगभग 1500 लक्ज़री वाहन और 2000 अन्य वाहन केरल राज्य की सड़कों पर पॉण्डीचेरी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट लगाए चल रही हैं. 30 अप्रैल के बाद, इन लोगों को पकड़ने की मुहिम और दुरुस्त हो जाएगी और ऐसी कार्स को ज़ब्त किया जायेगा जब तक की उनकी रजिस्ट्रेशन राशि केरल मोटर वाहन कानून के अनुसार नहीं चुकाई जाती।

सोर्स : 1,2