Honda India के CEO योइचिरो उएनो ने कहा है की उनकी कंपनी भारत स्टेज 6 (BS6) एमिशन नॉर्म्स के भारतीय मार्किट में लागू होने के बाद भी 2020 तक, 1.5 लीटर i-DTEC टर्बोचार्ज्ड डीजल इंजन बनाना जारी रखेंगी. ऐसा इसलिए क्योंकि इंडिया के टियर 2 और टियर 3 शहरों में ज़्यादातर डिमांड Honda के डीजल कारों की ही है.
Brio और CR-V को छोड़ कर, भारत में भेचे जाने वाली लगभग हर Honda कार में 1.5 लीटर डीजल इंजन होता है. Amaze, Jazz, City, WR–V, और BR-V सभी में 98.6 Bhp-200 Nm उत्पन्न करने वाला यही डीजल इंजन लगा होता है. इस बात को रेखांकित करते हुए की किस प्रकार Honda अपने 1.5 लीटर i-DTEC टर्बोचार्ज्ड डीजल इंजन को ऐसे बनायेगी की वो कड़े नियमों वाले BS6 एमिशन नॉर्म्स पे खरा उतरेगा, उएनो ने निम्नलिखित बातें कही है:
टियर ll और टियर lll टाउनस में डिमांड पूरी तरह से डीजल की तरफ ही केन्द्रित है. कस्टमर्स की डिमांड को पूरा करने के लिए हमें डीजल वैरिएंट देना पड़ता है. BS lV एक चुनौती है. खासकर से डीजल के लिए particular matter (PM) नियम बहुत ही सख्त है. हमे बहुत ही डिफाइंड PM फिल्टर्स की ज़रुरत है और उससे डीजल के अपग्रेड कॉस्ट पर फर्क पड़ता है. हमारे पास टेक्नोलॉजी है. चुनौती कीमत की है, ना की इक्विपमेंट के परफॉरमेंस की.
एक बार BS6 एमिशन नोर्म्स भारत में लागू हो जाए तो हो सकता है की डीजल इंजन की कारों की कीमत बढ़ जाए क्योकि BS6 के तहत कारें को महंगे एमिशन कण्ट्रोल इक्विपमेंट इस्तेमाल करना होता है. डीजल और पेट्रोल की कारों के बीच के कीमत का फर्क और बढ़ सकता है. कीमतों को ठीक-ठाक स्तर पर रखने के लिए Honda का प्लान है की वो अधिकांश महंगे एमिशन कण्ट्रोल इक्विपमेंट को इम्पोर्ट करने के बजाय उन्हें भारत में ही बनाये.
Honda और भी ज्यादा डीजल कारें को भारतीय मार्केट में लाने की योजना बना रहा है. 2018 से CR-V प्रीमियम SUV में 1.6 लीटर i-DTEC टर्बोचार्ज्ड डीजल इंजन मिलेगा और 2019 में Civic sedan उसी डीजल इंजन के साथ भारत में वापसी करेगी. Honda 1.6 लीटर i-DTEC डीजल इंजन भारत में बनाने की शुरुआत भी कर चुका है और फिलहाल उसे अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में निर्यात कर रहा है.