1 अप्रैल 2019 से 125 सीसी या उससे ज़्यादा क्षमता वाले इंजन वाले सभी 2-व्हीलर्स में Antilock Braking System (एंटीलॉक ब्रेकिंग सिस्टम) या ABS अनिवार्य हो जायेगा. अब तक ऐसा कोई नियम नहीं था और निर्माता कीमतों को कम रखने के लिए अपनी बाइक्स का ABS और नॉन-ABS संस्करण ऑफर करते थे. लेकिन, ABS गाड़ियों में ज़रूरी होता है, खासकर 2-व्हीलर्स में क्योंकि इनके संतुलन से बाहर जाने की संभावना ज़्यादा होती है. पेश है एक विडियो जो दर्शाता है की आपको बिना ABS वाली बाइक खरीदने से क्यों बचना चाहिए.
ये विडियो Biker Abhilash के यूट्यूब चैनल का है जिसमें उन्हें एक KTM RC 390 चलाते हुए देखा जा सकता है. ये KTM 390 Duke का फुल-फेयरिंग वाला वर्शन है जिसमें ड्यूल चैनल ABS स्टैण्डर्ड है. ड्यूल चैनल ABS दोनों चक्कों पर काम करता है वहीँ सिंगल चैनल ABS केवल आगे वाले चक्के के लिए होता है.
ये विडियो इस बाइक को एक हाईवे पर रात में काफी तेज़ जाते हुए दिखाती है. इसका स्पीडोमीटर इसकी रफ़्तार लगभग 135 किमी/घंटे के आसपास दिखा रहा है जो भारत में किसी भी सड़क के लिए काफी तेज़ है. इस बाइक को हाईवे के दायीं और चलते हुए देखा जा सकता है और हेलमेट कैमरा से लिए गए विडियो में सामने में एक ट्रक आगे बढ़ रहा है. ट्रक में कोई ब्रेक लाइट नहीं लगी है और इससे कम से कम इतने तेज़ रफ़्तार पर ये समझना मुश्किल हो जाता है की गाड़ी धीमी हो रही है या नहीं.
किस्मत की बात है की बाइकर को अंदाज़ा लग जाता है की ट्रक रोड पर रुकावट के चलते धीमा हो रहा है और उसे तुरंत ब्रेक्स लगाने पड़ते हैं. बिना ABS वाली बाइक्स में इतने तेज़ रफ़्तार पर ऐसे ब्रेक्स लगाने से बाइक स्किड कर ट्रक से टकरा सकती थी. बिना ABS वाली बाइक के लिए इतनी छोटी दूरी में सुरक्षित रूप से रुकना नामुमकिन है. लेकिन, ABS की वजह से बाइक ट्रक के ठीक पीछे रुक गयी और ट्रक से टकराने से बाल-बाल बच गयी.
ये एक बड़ा हादसा हो सकता था लेकिन ABS की वजह से सब सही हुआ. यहाँ ध्यान दिया जाना चाहिए की ABS हो या नहीं हो, आपको भारत में हाईवे पर इतनी तेज़ रफ़्तार में कभी नहीं चलना चाहिए, खासकर रात में. भारत की सड़कों पर आश्चर्य की कोई कमी नहीं होती और आपको नियमों का पालन करते हुए जिम्मेदारी से गाड़ी चलानी चाहिए. आपको सड़क की स्पीड लिमिट का पालन करना चाहिए और कभी भी 100 किमी/घंटे से ज़्यादा पर क्रूज़ नहीं करना चाहिए. ABS के साथ भी बाइक के रुकने में कुछ समय लगता है और ये बात सभी को पता ही है की तेज़ जितनी तेज़ रफ़्तार, रुकने में उतनी ही ज़्यादा समय और दूरी लगती है.
ABS अपने सेंसर्स के ज़रिये व्हील्स को लॉक होने से बचाता है. वो कुछ सेकेण्ड के अंतराल पर ब्रेक्स को लगातार लगाता और हटाता है जिससे तेज़ ब्रेकिंग के दौरान भी बाइक आसानी से रुक जाती है और स्किड नहीं करती. रोड पर बाकी गाड़ियों के उलट, भारत के हाईवे पर आपको राह चलते जानवर भी अक्सर मिल जायेंगे और इनके अचानक सामने आ जाने से बड़े हादसे हो सकते हैं. इसलिए आम सड़क पर चलते हुए हमेशा स्पीड लिमिट का पालन करना चाहिए. हाँ, ABS वाले मॉडल्स की कीमत थोड़ी ज़्यादा होती है लेकिन सुरक्षा के लिए कोई भी कीमत कम होती है.