भारत एक बड़ा देश है जिसकी जनसँख्या भी उतनी ही बड़ी है. कई नागरिकों को ट्रांसपोर्ट में दिक्कतें आती हैं, खासकर गाँव के इलाकों में जहां ज़्यादा सरकारी परिवहन सुविधाएं मौजूद नहीं हैं. ऐसे में लोग अक्सर अपनी गाड़ी को ओवरलोड कर लेते हैं जिससे दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है. इस प्रकार की ओवरलोडिंग को कम करना पुलिस के लिए भी काफी चुनौतीभरा होता है. हमने पहले भी कई बार पुलिसकर्मियों को नियम तोड़ने वालों के सामने दुबारा नियम ना तोड़ने की विनती करते हुए देखा है. पेश है एक ऐसी ही ताज़ातरीन वाक्ये की तस्वीर जो कर्नाटक से आई है.
इस तस्वीर में एक पुलिस ऑफिसर को 8 लोगों के परिवार के सामने हाथ जोड़े हुए देखा जा सकता है. 8 लोगों का ये परिवार एक स्टेप-थ्रू स्कूटर पर बैठा हुआ था. इस टू-व्हीलर को एक वयस्क चला रहा है और इसपर 7 बच्चे बैठे हुए हैं. आश्चर्यजनक रूप से स्टेप-थ्रू के आगे में 4 बच्चे हैं और बाकी के 3 बच्चे राइडर के पीछे हैं.
पुलिस ऑफिसर ऐसे लोगों पर जुर्माना लगा सकते हैं लेकिन, वो हालात से वाकिफ हैं और मानवीय कारणों से ऐसे लोगों पर जुर्माना नहीं लगाते. लेकिन, वो नियम तोड़ने वालों को दुर्घटना की संभावना और इससे जुड़े खतरों के बारे में ज़रूर समझाते हैं. इस स्कूटर पर बैठे किसी भी राइडर ने हेलमेट नहीं लगा रखा था. पुलिस ऑफिसर को इनके सामने हाथ जोड़े हुए देखा जा सकता है. बच्चे टू-व्हीलर पर काफी आराम से बैठे हुए नज़र आ रहे हैं और तस्वीर देख कर ही पता लगता है की ये उनके लिए रोज़मर्रा की बात है.
पिछले बैंगलोर के पूर्वी हिस्से के ट्रैफिक पुलिस कमिश्नर ने एक ऐसी ही तस्वीर शेयर की थी जिसमें एक पुलिसकर्मी को बाइक पर सवार एक परिवार के सामने हाथ जोड़े हुए देखा जा सकता है. उस वक़्त उस बाइक पर तीन वयस्क और दो बच्चे सवार थे. बार-बार नियम तोड़ने वाले इंसान से परेशान होकर पुलिसकर्मी उसे ऐसा करने से मन करते हुए उसके सामने हाथ जोड़ कर खड़ा हो गया.
What else can he do 😅?
We always have a choice .. chose the safe one ! #BeSafe pic.twitter.com/noLHyAMqBn
— Abhishek Goyal (@goyal_abhei) October 10, 2017
शहरों में भी कई बार टू-व्हीलर्स पर तीन लोग सवार हो जाते हैं और पुलिस उन्हें पकड़ लेती है. टू-व्हीलर को ओवरलोड करने से उसका वज़न बढ़ जाता है जिससे उसकी हैंडलिंग काफी मुश्किल हो जाती है. छोटे से छोटा खड्डा भी बाइक को असंतुलित कर सकता है और अनहोनी घट सकती है. साथ ही अतिरिक्त वज़न के चलते गाड़ी का वेग बढ़ जाता है जिससे ब्रेक लगाने पर गाड़ी जूच दूर जाकर रूकती है. अगर इतनी ही ज़रुरत है तो लोगों को कई ट्रिप कर सारे लोगों को गंतव्य पर पहुंचाना चाहिए, लेकिन गाड़ी को ओवरलोड नहीं करना चाहिए.