भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाज़ार है. पिछले कुछ समय से ऑटोमैटिक कार्स की बिक्री में लगातार इज़ाफा हुआ है. इन्हें काफी आसानी से चलाया जा सकता है और इनका माइलेज भी मैन्युअल कार्स से बेहतर होता है. मगर अगर आप कार प्रेमियों से पूछेंगे तो वह कहेंगे कि मैन्युअल गियरबॉक्स से बेहतर दुनिया में कुछ भी नहीं है.
इस सबके बावजूद भी ऐसी कई बातें हैं जो मैन्युअल गियरबॉक्स की वकालत करने वालों को अभी इनके बारे में नहीं पता हैं. इस लेख में हम ज़िक्र करेंगे पांच ऐसी ही गलतियों का जो मैन्युअल गियरबॉक्स इस्तेमल करने वाले लोग करते हैं.
क्लच का गलत इस्तेमाल
मैन्युअल कार में ड्राईवर को अक्सर ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है क्योंकि क्लच का लगातार इस्तेमाल भी गाड़ी चलने के लिए ज़रूरी हो जाता है. क्लच किसी भी कार में इंजन और गियरबॉक्स के बीच लिंक की तरह काम करता है. क्लच का सही उपयोग इंजन की लम्बी उम्र, अच्छे माइलेज, और गियरबॉक्स में किसी खराबी से बचने के लिए ज़रूरी है. कुछ लोग गियर बदलते वक़्त क्लच को अच्छी तरह नहीं दबाते हैं जिससे इसमें जल्द ही खराबी आने की सम्भावना बढ़ जाती है.
क्लच पूरा ना दबाने पर कार के अन्य हिस्सों को भी नुक्सान पहुँचता है और इससे कार की सेहत पर दुष्प्रभाव पड़ता है. इसके साथ ही अगर कार पहले से चल रही है और फिर आप आधा क्लच दबाते हैं तो इंजन को काफी गहरा नुक्सान हो सकता है.
क्लच पैड का पैर को आराम देने के लिए इस्तेमाल
मैन्युअल कार्स में अक्सर फुट रेस्ट नहीं होता. ऐसे में कई लोग क्लच पैड का इस्तेमाल पैरों को आराम देने के लिए करने लगते हैं. डीजल कार्स में क्लच थोड़ा भारी होता है और आप उन पर अपना पैर रख सकते हैं बशर्ते कि उस पर ज्यादा दबाव ना पड़े. मगर पेट्रोल कार्स के मामले में यह बिलकुल गलत है.
पेट्रोल कार्स में क्लच बहुत ही हल्का होता है और ज़रा सा भी जोर पड़ने से वह काम करना शुरू कर देता है. इसलिए आदत डालें कि कार के फ्लोर पर ही अपना पैर रखें.
गियर के लीवर का हाथों को आराम देने के लिए इस्तेमाल
कई सस्ती कार्स में आपको आर्म-रेस्ट नहीं मिलता और लोग अक्सर गियर लीवर का इस्तेमाल अपने हाथों को आराम देने के लिए करने लगते हैं. ऐसा करना में हो सकता है कि आपको कोई जोखिम ना दिखे पर गियर लीवर बनाने में काफी नाज़ुक पुर्जों का इस्तेमाल होता है और आपके हाथ के जोर से यह अपना काम करना शुरू कर सकते हैं.
इतना ही नहीं, ऐसा बार-बार करने से समय के साथ गियर में मौजूद स्प्रिंग ढीली पड़ सकती है या फिर इसमें मौजूद बॉल-बियरिंग भी खुल सकती है. इससे गियरबॉक्स की उम्र कम होती है और इसकी सर्विस में आपको ज्यादा पैदा खर्च करना पड़ सकता है.
चलती कार को रिवर्स गियर में डालना
चलती कार को रिवर्स गियर में डालने के दुष्परिणाम काफी भयावह हो सकते हैं. यह आदत कई लोगों में देखि गयी है. ऐसा करने से गियरबॉक्स की सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है. इतना ही नहीं, ऐसा बार-बार करने से कार का इंजन और अन्य पुर्जे भी जल्दी-जल्दी ख़राब होने लगेंगे और सर्विस पर ज्यादा खर्चा आएगा.
कम गति पर टॉप गियर में कार चलाना
यह एक आम धरना है की टॉप गियर में कार चलने से इसका माइलेज बढ़ जाता है. यह बात ठीक है मगर इस चक्कर में कई लोग कम गति पर ही टॉप गियर में जाने का प्रयास करने लगते हैं. ऐसा करने से गियरबॉक्स पर बुरा असर पड़ता है. यह दुष्प्रभाव इतना भयावह हो सकता है कि आपको जल्द ही अपने गियरबॉक्स से भी हाथ धोना पड़ सकता है.