कार सेफ्टी है उन बेहद ज़रूरी चीज़ों में से एक जिसे इंडियन ग्राहक अनदेखा कर जाते हैं. जहाँ गाड़ी के लुक्स को एन्हांस करने और गाड़ी को और आरामदायक बनाने के लिए कई एक्सेसरीज़ उपलब्ध हैं, सेफ्टी बढ़ने वाली एक्सेसरीज़ कहीं कम हैं. डालिए नज़र पांच ऐसी एक्सेसरीज़ पर.
टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS)
टायर को ऑप्टीमम प्रेशर पर रखना बेहद ज़रूरी होता है. प्रेशर कम होने से टायर जल्दी ओवरहीट हो सकता है और फट सकता है. ज्यादा टायर प्रेशर से गाड़ी स्किड कर सकती है. हाई-एन्ड गाड़ियां आती हैं प्री-इन्सटाल्ड TPMS के साथ जबकि कुछ ही किफायती गाड़ियाँ ये फ़ीचर ऑफर करती हैं. लेकिन, टायर प्रेशर की फ़िक्र करने वालों के लिए आफ्टरमार्केट TPMS उपलब्ध है. ये डिवाइस आपकी बजट गाड़ियों में फिट किये जा सकते हैं और सूचना सीधे आपके स्मार्टफ़ोन या निर्माता द्वारा दिए गए डिवाइस को भेज सकते हैं.
रियर पार्किंग कैमरा प्लस सेन्सर्स
कुछ गाड़ियाँ ऑफर करती हैं रियर पार्किंग कैमरा और कुछ आती हैं रियर पार्किंग सेंसर के साथ. लेकिन दोनों ही गाड़ी को सुरक्षित तरीके से पार्क करने के लिए बहुत ज़रूरी हैं, खासकर अगर गाड़ी एक SUV है और पीछे का व्यू लिमिटेड है. मार्केट में आफ्टरमार्केट कैमरा और सेंसर उपलब्ध हैं. आफ्टरमार्केट कैमरा आपको बताता है की आप किधर जा रहे हैं, जबकि खम्भे या बड़े पत्थरों जैसी चीज़ें जो कैमरा के व्यू से छुप जाती हैं, उन्हें पार्किंग सेंसर डिटेक्ट कर लेते हैं. दोनों फ़ीचर्स किसी भी गाड़ी में फिट किये जा सकते हैं
हेड्स अप डिस्प्ले (HUD)
कई लोगों को HUD एक हाई-टेक साई-फाई गिमिक लग सकता है लेकिन इनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है. HUD स्पीड और ऐसी ही तमाम इनफार्मेशन विंडस्क्रीन पर उपलब्ध करता है जिससे हाईवे पर नीचे देख कर स्पीड चेक करने की ज़रुरत ख़त्म हो जाती है. कुछ मॉडर्न HUDs विंडस्क्रीन पर नेविगेशन इनफार्मेशन भी उपलब्ध कराते हैं. जहाँ HUD सिर्फ लक्ज़री कार निर्माता ऑफर करते हैं, आफ्टरमार्केट डिवाइस उपलब्ध हैं जो ठीक ठाक काम करते हैं. ये एक ऐसा फ़ीचर है जो भविष्य का भी लगता है और सेफ्टी भी प्रदान करता है.
ब्लाइंड स्पॉट मिरर
ज़्यादातर एक्सटर्नल और इंटरनल मिरर गाड़ी के पीछे के ब्लाइंड स्पॉट्स कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं होते. इससे काफी बड़े हादसे हो सकते हैं, खासकर हाई स्पीड हाईवे पर. पीछे की चीज़ों पर नज़र रखना बेहद ज़रूरी होता है. ये सब चीज़ें आसान करने के लिए, मार्केट में ब्लाइंड स्पॉट मिरर उपलब्ध हैं जो ऐसी परिस्थिति में बिलकुल ठीक काम करते हैं. ORVMs पर छोटे कोन्कैव मिरर फिक्स किये जा सकते हैं और ये ब्लाइंड स्पॉट्स को एलिमिनेट कर देते हैं.
बेहतर लाइटिंग
वैसे तो ज़्यादातर शहरों में पर्याप्त स्ट्रीट लाइट्स हैं ये सुनिश्चित करने के लिए की रात में ड्राइव करना सेफ हो लेकिन ज्यादातर हाइवेज पर ये लाइट्स नहीं होतीं. जहाँ लगभग हर तरह की ड्राइविंग कंडीशन के लिए स्टॉक हेडलैम्प्स पर्याप्त होते हैं, स्थिति को बेहतर बनाने के लिए हाई पावर्ड आफ्टरमार्केट लैम्प्स उपलब्ध हैं. आप या तो स्टॉप लैम्प्स को बेहतर आउटपुट वाले लैम्प्स से रिप्लेस कर सकते हैं या गाड़ी में औग्ज़िलियरी लैम्प्स लगा सकते हैं. बेहतर बल्ब और एक वायरिंग किट की क़ीमत लगभग रु. 2,000 होगी. औग्ज़िलियरी लैम्प्स की क़ीमत शुरू होती है रु. 2,000 से और रु. 50,000 तक जाती है.