मॉडर्न कार्स ने एक दशक पहले के मुकाबले काफी तरक्की कर ली है. मार्केट की अधिकांश गाड़ियाँ खासकर बजट गाड़ियों में अब ड्राईवरसाइड एयरबैग मिलते हैं. जहां एयरबैग्स ड्राईवर की सुरक्षा बढ़ाती हैं स्टीयरिंग को गलत तरीके से पकड़ने से आपके हाथों पर बुरा असर पड़ सकता है. पेश है कार के स्टीयरिंग को पकड़ने का सही तरीका.
शोधकर्ताओं के मुताबिक़, स्टीयरिंग व्हील को पकड़ने का सही तरीका अब नया 9-3 पोजीशन है. इसका मतलब ये है की बायाँ हाथ घड़ी के 9 की स्थान पर रहता है और दाहिना हाथ उसके ठीक विपरीत 3 के स्थान पर रहता है. इससे एयरबैग को एक्सीडेंट के दौरान बिना हाथ से टकराए खुलने का मौका मिलता है. एयरबैग्स एक छोटे से धमाके से खुलते हैं और क्रैश के दौरान सवारी को बचाने के लिए बेहद जल्दी खुलते हैं. ऐसे में एयरबैग बेहद तेज़ी से एवं झटके से खुलते हैं एवं इससे बड़ी गंभीर चोटें लग सकती हैं. हाथ के ऊंचे स्थान के चलते वो एयरबैग्स के खुलने के चलते स्टीयरिंग व्हील के उड़ रहे प्लास्टिक पार्ट्स से टकरा जाते हैं. एयरबैग्स बेहद गर्म नाइट्रोजन गैस की मदद से खुलते हैं और इनके खुलने की रफ़्तार 241 किमी/घंटे से 400 किमी/घंटे तक होती है.
अब तक, स्टीयरिंग व्हील को पकड़ने का सही तरीका घडी के 10-2 स्थान को माना जाता था. लेकिन, सुरक्षित रहने के लिए कई लोग मानते हैं की घड़ी का 8-4 स्थान सबसे सुरक्षित होता है. लेकिन, इस नीचे स्थान से स्टीयरिंग व्हील को पकड़ना बेहद मुश्किल हो जाता है. इसी के चलते 9-3 पोजीशन सबसे सही पोजीशन माना जाता है.
अमेरिका के National Highway Trafic Safety Administration, AAA Foundation, और उस देश के कई ड्राइविंग शिक्षकों ने कहा है की 9-3 ग्रिप सबसे सुरक्षित होती है. भारत में ऐसे कोई सघन ट्रेनिंग प्रोग्राम मौजूद नहीं हैं जहां लोगों को हाथ के सही पोजीशन के बारे में बताया जाता है लेकिन हाथ हो सही पोजीशन में रखना बेहद ज़रूरी है क्योंकि ये सुनिश्चित करता है की एयरबैग्स सुरक्षित रूप से खुलें. जहां कार्स इन सालों में बेहद सुरक्षित होते गयी हैं, ड्राईवर को इन नए बदलावों से अवगत कराने के लिए बेहद कम काम किया गया है.