2018 Maruti Suzuki Swift अगले महीने आयोजित होने वाले Auto Expo में लॉन्च की जाएगी. हमने इस हफ्ते के शुरुआत में इस कार का टेस्ट ड्राइव किया और नीचे दिए गए लिंक्स को खोल कर आप इस कार के बारे में हमारे विचार और Swift के डिटेल्स देख सकते हैं.
तो नयी Swift आखिर कितनी नयी है और क्या कुछ ऐसा है जो आप एक भावी मालिक होने के नाते इसके बारे में अभी तक नहीं जानते? आइये देखते हैं:
बिल्कुल नया डिजाईन
नयी Swift पुराने वाले संस्करण से बिलकुल अलग है. और उम्मीद के अनुसार इसमें नए Dzire वाला फ्रंट एंड ही है लेकिन क्या आपको पता है की इसमें छोटे छोटे अंतर हैं? जैसे की ग्रिल के आस पास क्रोम का काम नहीं है और बम्पर के निचले हिस्से में अलग तरह की फिनिशिंग है. हमें आगे और पीछे दोनों लैम्प्स के में पुल-बेक हेडलैंप और LED ट्रीटमेंट काफी पसंद है. प्रोजेक्टर्स के साथ ये टॉप एंड मॉडल पर स्टैण्डर्ड हैं. इसका साइड प्रोफाइल आपको पुराने वाले Swift की याद ज़रूर दिलाता है लेकिन समानताएं बस यहीं तक हैं. इसमें कुछ चतुर चीज़ें हैं, जैसे फ्लोटिंग रूफ, और पिछले दरवाज़े के लिए पिलर पर लगा हैंडल.
बूट पर एक प्रोमिनेंट लिप के साथ इस गाड़ी का रियर बिल्कुल नया लगता है.नए Swift में अलॉय व्हील्स के लिए भी एक बिलकुल नया डिजाईन है.
लेकिन इसके डायमेंशन्स पुराने मॉडल से लगभग मेल खाते हैं. ये 10 एमएम छोटी और 40 एमएम ज्यादा चौड़ी है.
ये नए प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल करती है
नयी Swift Suzuki के पांचवे जनरेशन B-platform का इस्तेमाल करती है जो Baleno और Dzire दोनों में देखा जाता है. HEARTECT नाम का ये प्लेटफार्म ज्यादा केबिन स्पेस देता है और जल्द ही लागू होने वाले 2018 इंडियन क्रैश टेस्ट रेगुलेशन को दिमाग में रखकर डिजाईन किया गया है. फ्यूल चुनाव के आधार पर इसके 100 किलो तक हल्के होने के बावजूद नया प्लेटफार्म ज्यादा स्टिफ है और हाई टेनसाइल स्टील का इस्तेमाल करता है.
केबिन बिल्कुल नया है
अगर आपको लगता है की अभी के जनरेशन वाले Swift के इंटीरियर स्पोर्टी हैं तो आपने नए वाले Swift को अभी देखा नहीं है. इसका डिजाईन लगभग Dzire जैसा ही है लेकिन सबसे बड़ा नातर है ऑल-ब्लैक थीम. हमें इसकी फ्लैट-बॉटम स्टीयरिंग और इसके पीछे का ट्विन-पौड इंस्ट्रूमेंटेशन कंसोल काफी पसंद है. इसका लाल रंग का डायल थीम काफी अच्छा लगता है और क्या आपको पता है की इसका पूरा कॉकपिट ड्राईवर पर केन्द्रित है और इसमें 5 डिग्री का हल्का सा झुकाव है?
बिना ओवरऑल ‘प्रीमियम’ फील के डिस्टर्ब किये हुए, क्लाइमेट कण्ट्रोल के लिए रोटरी वेंट और रोटरी डायल इसमें एक रेट्रो फील जोड़ते हैं. Marutiका Smart Play इंफोटेनमेंट सिस्टम Z+ ट्रिम में स्टैण्डर्ड है और इसके ओनर कभी भी स्टोरेज स्पेस को लेकर चिंतित नहीं होंगे. Z और Z+ वर्शन में पुश बटन स्टार्ट के साथ स्मार्ट की-लेस एंट्री भी है.
इसके सीट्स नए हैं और शौकीनों को इसकी एक्स्ट्रा साइड बोल्स्टरिंग काफी पसंद आयेगी. वो बिना कम्फर्ट पर समझौता किये हुए आपको आराम का एहसास देते हैं. मटेरियल की क्वालिटी अच्छी है और हमारे ड्राइव के दौरान हमें बिल्ड क्वालिटी में कोई खामी नहीं नज़र आई.
नया रेंज–टॉपिंग Z+ वर्शन
की आपको पता है नयी Swift अब ZDI+ और ZXI+ वर्शन में भी उपलब्ध है? ये नए वर्शन हैं और ये और ज्यादा फ़ीचर्स ऑफर करते हैं, जैसे रिवर्स कैमरा के लिए डिस्प्ले के साथ SmartPlay टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, डे टाइम रनिंग लाइट्स, प्रोजेक्टर हेडलैंप, प्रिसिशन-कट अलॉय व्हील्स, और ऑटो हेडलैंप. ये फ़ीचर Swift को इस सेगमेंट में कुछ फ़ीचर लोडेड कार्स से टक्कर लेने के काबिल बनाते हैं.
आटोमेटिक ट्रांसमिशन ऑप्शन
ऐसा पहली बार है की Swift में दोनों फ्यूल मॉडल के लिए ऑप्शनल आटोमेटिक ट्रांसमिशन ऑप्शन उपलब्ध रहेगा. AMT (automated manual transmission) या Maruti के भाषा में AGS (auto gear shift) एक सराहनीय कदम है और ये V और Z ट्रिम लेवल पर उपलब्ध रहेगा. AGS बॉक्स एक मैन्युअल मोड के साथ भी आता है जहां आप अपनी मन मर्ज़ी से ट्रांसमिशन और गियर चेंज कर सकते हैं.
ये ज्यादा रेस्पोंसिव, तेज़, और एफ़ीशिएन्ट है
हालांकि नयी Swift उन्ही पॉवर और टॉर्क आंकड़ों वाली 1.2-लीटर पेट्रोल और 1.3-लीटर डीजल इंजन के साथ आती है, अपने हलके वज़न के चलते नए Swift की परफॉरमेंस ज्यादा बेहतर है. Maruti दावा करती है की त्वरण के मामले में पेट्रोल और डीजल वर्शन में क्रमशः 10 और 8 प्रतिशत की वृद्धि है. अपने सेडान संस्करण से और ज्यादा पेपी इंजन के लिए कंपनी ने इसकी इंजन ट्यूनिंग भी री-कैलिब्रेट की है.
नयी Swift ज्यादा एफ़ीशिएन्ट भी है. ARAI (automotive research association of India) के आंकड़ों के अनुसार इस कार की माइलेज पेट्रोल के लिए 22 किमी/लीटर और डीजल के लिए 28.4 किमी/लीटर है — जो इसे Dzire के साथ इंडिया की सबसे ज्यादा फ्यूल एफ़ीशिएन्ट कार बनाता है.
ये सेफ है
हालंकि ये हलकी है, नयी Swift का चेसी ज्यादा हल्का है. ये एक्सीडेंट के दौरान काफी उपयोगी साबित होता है क्योंकि क्रम्पल जोन टक्कर के प्रभाव को एक बेहतर और ज्यादा सेफ तरीके से अलग-अलग दिशाओं में फैला देते हैं. Maruti इस बात का दावा करती है की नयी Swift जल्द पास होने वाले इंडियन क्रैश टेस्ट रेगुलेशन का पालन करती है और फ्रंट ऑफसेट, साइड इम्पैक्ट, और राहगीर के सेफ्टी रेगुलेशन का पालन करती है.
EBD के साथ ABS (anti lock braking), ड्यूल फ्रंट एयरबैग, और चाइल्ड सीट के लिए ISOFIX माउंट्स इस कार के सभी वैरिएंट में स्टैण्डर्ड हैं. दूसरे सेफ्टी फ़ीचर्स में प्री-टेंशनर और फ़ोर्स लिमिटर के साथ फ्रंट बेल्ट, और ड्राईवर के तरफ वाले फ्रंट विंडो के लिए पिंच गार्ड शामिल है.
साथ ही, कुछ ऐसे जगह हैं जहां नयी Swift और बेहतर कर सकती थी. क्या आपको पता है Swift में ये चीज़ें मिसिंग हैं?
फ़ीचर्स
टॉप ऑफ़ थे रेंज Z+ वर्शन में भी फ्रंट आर्मरेस्ट या रियर एयर-कंडीशनिंग वेंट नहीं हैं. यहाँ स्पीड सेंसिटिव ऑटो डोर लॉकिंग मैकेनिज्म भी नहीं है, और स्पीडोमीटर में टेम्परेचर गेज नहीं है — शौकीनों को कंसोल में डायल और नीडल देखना काफी पसंद है!
ये काफी लो है
नयी Swift में सिर्फ 163 एमएम का लो ग्राउंड क्लीयरेंस है. इसके साथ इसके लम्बे व्हीलबेस का मतलब है की ज्यादा भारी सवारी के साथ या खराब रोड्स पर ये हैचबैक बड़े स्पीड ब्रेकर्स को छू लेगी. ये इतनी बड़ी बात नहीं है लेकिन इंडिया में ये फैक्टर भी एक अहम रोल ऐडा करता है!
AGS के साथ एक मौका चूक गया
आटोमेटिक कार्स में बढ़ते दिलचस्पी के साथ भावी खरीददारों को टॉप एंड ZXI+ / ZDI+ में AGS / AMT के आप्शन की कमी ज़रूर खलेगी. ये वर्शन सिर्फ 5-स्पीड मैन्युअल गियरबॉक्स के साथ उपलब्ध होते हैं. इसका मतलब ये है की अगर आप आटोमेटिक Swift लेने की सोचते हैं तो आपको DRLs, प्रोजेक्टर लैंप, प्रिसिशन कट अलॉय व्हील्स, और SmartPlay इंफोटेनमेंट सिस्टम को अलविदा कहना होगा.
इन छोटी दिक्कतों को छोड़ दें तो हमें लगता है की नयी 2018 Maruti Swift में बाकी सभी मोर्चों पर काफी सुधार है. ये बेहतरीन दिखती है, इसकी राइड बेहतर है, ये ज्यादा तेज़ है और इसमें बेहतरीन इंटीरियर हैं. पिछले जनरेशन के शानदार हैंडलिंग पैकेज के मोर्चे पर इसने भले ही थोड़ी धार खो दी हो, लेकिन अगर आप ज्यादा बड़ी ऑडियंस की इच्छा पूरी करने वाले बाकी अच्छाइयों को देखेंगे तो ये छोटी दिक्कतें वाकई में छोटी नज़र आती हैं. इसकी कीमत अगले महीने के शुरुआत में पता लगेगी.