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Leh-Ladakh जाने से पहले इन 10 खतरों के बारे में जानना ज़रूरी है…

हर साल दुनियाभर से हजारों पर्यटक भारत के लद्दाख क्षेत्र में आया करते हैं. इनमें से कुछ पर्यटक फ्लाइट लेते हैं लेकिन अधिकतर हिमालय में सुंदर और निर्बाध क्षेत्र तक पहुंचने के लिए सड़कों का उपयोग करते हैं. इस क्षेत्र की सड़कें दुनिया की सबसे खतरनाक सड़कों में से एक मानी जाती हैं और यहां दस बातें हैं जो इस क्षेत्र के हर पर्यटक को ध्यान में रखनी चाहिए.

भूस्खलन

ये पूरा क्षेत्र साल में ज़्यादातर बर्फ से ढका रहता है. गर्मी के आगमन के बाद सरकारी अधिकारी सड़क से बर्फ को हटाते हैं और सड़कों को फिर से सुलभ करते हैं. हालांकि, बर्फ के लगातार पिघलने से भूस्खलन हो सकता है जो इस क्षेत्र में काफी आम है. हमेशा सड़क पर गिरने वाले पत्थरों से सतर्क रहें और ऐसा होने पर वहां से सुरक्षित दूरी बनाए रखें. रिजर्व में कुछ अतिरिक्त दिन रखने में समझदारी है.

माउंटेन सिकनेस

Acute Mountain Sickness (AMS) सड़क यात्रियों के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है. जैसे-जैसे ऊंचाई बढ़ती है, ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है और वो पर्यटक जिन्हें हवा में इतने कम स्तर के ऑक्सीजन की आदत नहीं है, AMS से पीड़ित हो जाते हैं. इससे मतली, थकान, कमजोरी, चक्कर आना जैसी दिक्कतें आ सकती हैं. इस क्षेत्र में हमेशा रुक कर रेस्ट करते हुए ऑक्सीजन स्तर का आदी होने की सलाह दी जाती है. Manali-Rohtang वाले रास्ते से जाने पर, ऊंचाई तेजी से बढ़ जाती है, जो Srinagar-Kargil मार्ग की तुलना में AMS की अधिक संभावनाएं पैदा करती है. ऐसे में लगातार पानी पीते रहें और AMS से बचने के लिए DIAMOX जैसे दवाएं साथ रखें.

बदलता मौसम

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विशाल हिमालय की अपनी मौसम प्रणाली है और यह कुछ ही मिनटों में बदल सकती है. यात्रा की योजना बनाने से पहले हमेशा स्थानीय मौसम रिपोर्ट पर भरोसा करें. एक खुले हुए धुप वाले मौसम को उथल-पुथल होने में ज्यादा समय नहीं लगता है और हमेशा बारिश और बर्फ गिरने की संभावनाएं होती हैं. यदि आपको लगता है की मौसम बदल सकता है, तो किसी भी निकटतम गांव या सड़क के किनारे आश्रय में रुकना बेहतर है और मौसम के शांत होने की प्रतीक्षा करें. बारिश और बर्फ भूस्खलन लाती हैं जो आपको कई दिनों तक फंसा सकता है.

इस्तेमाल होने वाले पेट्रोल/डीज़ल की मात्रा का ख़याल रखें

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चूंकि इस क्षेत्र का बाकी के देश से लगभग 6-7 महीने तक कोई सम्पर्क नहीं रहने के कारण यहाँ हमेशा आपूर्ति की कमी होती है. और सड़कों के खुलने के बाद, दुर्घटनाओं या भूस्खलन सहित सड़क पर कोई भी दुर्घटना, ईंधन और भोजन जैसी आवश्यक आपूर्ति को इस क्षेत्र तक पहुंचने से रोक सकती है. इससे छेत्र में ईंधन की कमी हो सकती है जिससे पर्यटक परेशान हो सकते हैं. इसके अलावा, यहाँ भारत के अन्य हिस्सों की तरह पेट्रोल पंप की संख्या कम है. आपको ईंधन पंप स्थानों की जानकारी होनी चाहिए और तदनुसार रिफिल की योजना बनानी चाहिए.

जल्दी का काम शैतान का काम

Leh-Ladakh जाने से पहले इन 10 खतरों के बारे में जानना ज़रूरी है…

ऐसे लोग भारत में हर जगह पाए जा सकते हैं. शहर की सड़कों पर, हम इन्हें अनाड़ी ड्राइवर के रूप में देखते हैं जो खतरनाक रूप से दूसरे वाहनों के करीब या सटा कर ड्राइव करते हैं. पहाड़ों में, ऐसे लोग अपने कौशल और हस्तक्षेप का दिखावा करते हैं. लेकिन पहाड़ी सड़कें शहर की सड़कों की तरह दया नहीं करतीं और एक चूक से दुर्घटना हो सकती है. हमेशा इस तरह के अतिउत्तेजित ड्राइवर्स से दूर रहें और प्रकृति का लुफ्त उठाते हुए समझदार और सुरक्षित रफ़्तार पर अपने गंतव्य तक पहुंचें.

ख़राब सड़कें

Leh-Ladakh जाने से पहले इन 10 खतरों के बारे में जानना ज़रूरी है…

Ladakh क्षेत्र में सड़कों की स्थिति में पिछले कुछ वर्षों में काफी सुधार हुआ है लेकिन फिर भी कई उत्तेजित फैलाव हैं. हालांकि कम ग्राउंड क्लीयरेंस वाली कई हैचबैक ने बिना किसी समस्याओं के ये यात्रा पूरी की हैं, इस क्षेत्र में अचानक ऊंच-नीची और चिकनी सड़क की सतहों से बेहद सावधान रहना चाहिए. एक अच्छे ड्राइवर के साथ कोई भी कार Ladakh दौरे को पूरा कर सकती है, हालांकि, आपको बेहद सावधान रहना होगा और अगर वो कम ग्राउंड क्लीयरेंस वाली कार है तो अंडरबॉडी पर कुछ चोटें लगने के लिए तैयार रहिए. यदि आप सड़कों के खुलने के ठीक बाद जा रहे हैं, तो 4WD वाहन से जाना बेहतर है, क्योंकि ठंडे मौसम के कारण सड़क पर बर्फ जम सकती है.

जानें कि मौसम कार को कैसे प्रभावित करता है

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Ladakh क्षेत्र बेहद ठंडा है और Leh शहर खुद भी काफी बंजर है. आप को ऐसी परिस्थितियों में कार पर मौसम के प्रभावों के बारे में पता होना चाहिए. अत्यधिक ठंडे तापमान इंजन के तेल को जमा देते हैं, जो इंजन के तापमान बढ़ने तक चालू नहीं होने देता. डीजल वाहनों को भी जमे हुए ईंधन लाइनों की दुविधा का सामना करना पड़ता है क्योंकि डीजल तेज़ी से जम सकता है. लोगों को हमेशा सूर्योदय का इंतजार करना चाहिए जिससे तापमान बढ़ेगा जो इंजन ऑइल और डीजल ईंधन लाइनों को पिघला देगा. हालांकि, यदि आप जल्दी में हैं, तो स्थानीय लोगों से मदद मांगें और इंजन ऑइल और ईंधन लाइनों को पिघलाने के लिए प्रेशर कुकर से निकलने वाली भाप का उपयोग करें.

Ladakh जाने का सही समय

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यह पूरी तरह से पर्यटकों पर निर्भर करता है और विभिन्न महीनों में विभिन्न चुनौतियों आएंगी. मई/जून में रास्ते खुलने के ठीक बाद, सड़कें गड्ढों और बर्फ से भरी रहती हैं. अंत में जब सितंबर/अक्टूबर में सड़कों को फिर से बंद कर दिया जाता है, इस समय सड़कें बेहतर हो जाती हैं क्योंकि अधिकारी अपने मरम्मत कार्य को पूरा कर चुके होते हैं और यातायात भी कम हो जाता है.

अपनी फिटनेस और क्षमता पता होनी चाहिए

Ladakh क्षेत्र में सबसे उच्च चिकित्सा सुविधाएं नहीं हैं और कठोर मौसम हालात को और खराब कर सकता है. यदि आप अस्थमा, हृदय की समस्याएं, मधुमेह, खून की कमी या ऐसी किसी भी परिस्थिति से पीड़ित हैं, तो Ladakh जाने से पहले हमेशा एक डॉक्टर से संपर्क करें.

स्थानीय हड़तालें

इस क्षेत्र में क्या हो रहा है ये जानने के लिए स्थानीय समाचार पर नजर रखें. काफी बार, टैक्सी यूनियनों ने सड़कों को बंद कर दिया होता है कि इस क्षेत्र में राज्य टैक्सियों के अलावा बाहर की टॉक्सिस को अनुमति नहीं होती है. साथ ही, उन स्थानों की जानकारी होनी चाहिए जहां नागरिकों को जाने की अनुमति नहीं है. यह क्षेत्र बहुत संवेदनशील है क्योंकि ये Tibet और China से सटा हुआ है और अतीत में कई पर्यटक बिना किसी पूर्व अनुमति के ऐसे स्थानों पर चले गए हैं. पर्यटकों को पास के स्थानों पर जाने के लिए Leh से Inner Line Permit लेना होता है.

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