दोपहिया वाहनों के साथ भारत का प्रेम संबंध एक लम्बी कहानी है जिसमें हम चीन से भी ज़्यादा बड़े मोटरसाइकिल और स्कूटर मार्केट बन गए हैं। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बैंगलोर जैसे शहरों में, दोपहिया वाहन की सवारी करना कभी-कभी यात्रा करने का सबसे तेज़ तरीका होता है। आज कल, किसी भी दुरस्त गांव तक में रफ़ पथरीली सड़क को तय करने के लिए एक छोटी मोपेड या बाइक का इस्तेमाल करते देखना कोई हैरानी की बात नहीं है. हालांकि, संख्याओं में वृद्धि के परिणामस्वरूप बेहतर सड़क शिष्टाचार नहीं हुआ है, कई भारतीयों को या तो कहीं जल्दी पहुँचने के लिए या पूरे परिवार को मार्केट लेजाकर वापिस लाने के लिए शार्टकट लेते हुए देखा जा सकता है। यहां भारतीय मोटरसाइकिल और स्कूटर सवारों की उन ग़लत विशेषताओं में से कुछ हैं जो आपको सड़क पर हर किसी की सुरक्षा के लिए चिंता करवाती हैं।
सड़क पर ग़लत हाथ पर चलाना
किसी जगह पर जल्द पहुँचने के लिए या भीड़ को काटने के लिए या कई बार क्योंकि वो बस बोर हो रहे हैं इसलिए, आप कम से कम एक राइडर को कई भारतीय सड़कों पर ग़लत हाथ पर हड़-हड़ाते हुए आता देखेंगे फिर चाहे वो एक भीड़ भाड़ वाली शहर की सड़क हो या हाईवे। अगर आपका तारुफ़ ऐसे राइडर से हो तो कृपया इनसे हर हालत में बचें।
डिवाइडर को ग़लत जगह से पार करना
सिर्फ इसलिए कि आप अपनी बाइक या स्कूटर को डिवाइडर पर से फलांग कर अपनी यात्रा के कुछ मिनट बचा सकते हैं, इसका मतलब ये नहीं है कि आपको वास्तव में ऐसा करना ही है। स्कूटर / बाइक पर सवार लोगों और सड़क पर चलते दूसरे लोगों के लिए भी ये बहुत सुरक्षित है अगर वो इस घातक आदत को न करें तो। इन राइडर्स को आमतौर पर शहरों में हर जगह कूदते हुए देखा जा सकता है, हालांकि हाइवेज़ पर भी इनकी कमी नहीं है।
बिना आगे पीछे देखे लेन्स बदलना
आप इन भारतीय राइडर्स को हमारी सार्वजनिक सड़कों के लगभग हर नुक्कड़ और मोड़ पर पाएंगे। सड़क पर आगे बढ़ने के लिए ये ‘राइडर्स’ एक लेन से दूसरी लेन में चले जाते हैं, चाहे उस लेन पर ट्रैफिक जाम हो या फिर लेन पर तेज़ स्पीड में वाहन चल रहे हों। लेन्स बदलने से लोग अपनी बाइक का संतुलन खो कर बाइक्स पर से गिर सकते हैं, जो किसी के लिए भी घातक हो सकता है। इन राइडर्स से हर कीमत पर बचने की कोशिश करें।
फुटपाथ पर वाहन चलाना
यदि आगे सड़क पर जाम हो और दोनों तरफ फुटपाथ खाली दीखते हैं, तो आप भारत में राइडर्स को, पैदल यात्री या ड्रेनेज के लिए नियत रास्ते पर वाहन चलाते हुए देखेंगे। ये राइडर्स न केवल पैदल चलने वालों के लिए खतरा हैं बल्कि अन्य मोटर चालकों के लिए भी परेशानी का कारण बन जाते हैं, जब ये आगे चलकर फिर से सड़क पर आते हैं और जाम को बद से बत्तर कर देते हैं।
OVRM? वो क्या होता है ?
कई राइडर्स अपनी बाइक्स और स्कूटर्स से रियर-व्यू मिरर्ज़ हटा देते हैं जिससे उन्हें लगता है कि वो कूल लगते हैं। पीछे से आ रहे ट्रैफिक से अज्ञात ये छवि-सचेत राइडर्स लेन बदलते और मुड़ते समय सड़क पर हर किसी के लिए खतरा साबित होते हैं।
आपको पता है, में अपने सारे स्टंट्स खुद करता हूँ
ये राइडर्स सबसे बुरे प्रकार के डेयरडेविल्स होते हैं जिनसे आप कभी वास्ता पड़ना नहीं चाहेंगे। सुरक्षा (खुद की और सड़कों पर दूसरों की) का कोई महत्व ना हुए बिगैर, दो पहियों पर सवार ये हुड़दंगी, सड़क पर दिखे दूसरे सिरफिरे राइडर्स से सीखी या देखि गई हर ट्रिक सार्वजनिक सड़कों पर करने की कोशिश करते हैं। न केवल वे एक हंगामें का कारण बनते हैं बल्कि सड़क पर हर किसी के लिए खतरा भी पैदा करते हैं, लेकिन ये युवाओं को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं जो भविष्य में मोटरसाइकिल या स्कूटर खरीदना चाहेंगे।
बातूने ग्रुप राइडर्स
अपने दोस्तों के साथ या साथी उत्साही राइडर्स के साथ एक ग्रुप में राइडिंग करना और सप्ताहांत बिताने का एक बेहतरीन तरीका है। हालांकि, जब एक बड़ा राइडिंग ग्रुप धीमी रफ़्तार पर एक दूसरे से बातें करते हुए राइडिंग करता है तो वो सड़क पर हर दूसरे राइडर या ड्राइवर के लिए समस्या बन जाते हैं। एक मामूली ग़लती हो जाने से एक आपदाजनक दुर्घटना हो सकती है और अन्य मोटर चालकों को अपनी खुद की सुरक्षा के लिए राइडर्स के इन बड़े झुंड से बचना चाहिए।
राइडिंग करते समय फ़ोन टेस्टिंग और फ़ोन कॉल करना
ग्रह पर हर दूसरे व्यक्ति के हाथों में मोबाइल फोन के साथ, भारतीय सड़कों पर एक व्यक्ति को राइडिंग करने के साथ मोबाइल पर बातें करते या मेसेजिंग करते देखना दुर्भाग्य से एक आम नज़ारा बन गया है। ऐसे राइडर्स जिनका ध्यान कहीं और है और जो एक हाथ में मोबाइल और केवल हाथ से अपने दो पहिया वाहन को कंट्रोल कर रहे होते हैं, अक्सर दुर्घटना के शिकार या दुर्घटना करवा सकते हैं. ऐसे राइडर्स से सावधान रहें।
ओवरलोडिंग
स्कूटर या मोटरसाइकिल पर दो से अधिक लोगों के साथ यात्रा भारतीय दंड संहिता के तहत एक दंडनीय अपराध है। हालांकि, भारतीय परिवारों में फिलहाल परिवार के सदस्यों में कमी आती हुई दिखने से, बाइक्स पर सवार तीन राइडर्स देश भर में देखे जा सकते हैं। और सिर्फ बाइक्स पर सवार कई सवारियां मुद्दा नहीं हैं। लोग माल और सामान से अपनी बाइक को ओवरलोड कर लेते हैं ताकि कई फेरे न लगाने पड़ें और इन ओवरलोडेड दोपहिया वाहन का दुर्घटना या खुद लुड़क जाने का बड़ा खतरा होता है।
हेलमेट है या हैंडबैग ? पुलिस से बचने के लिए हेलमेट का इस्तेमाल
एक और कॉमन सेन्स, खासकर शहरों और कस्बों में, राइडर्स जो अपने हाथों में हेलमेट लटकाए रहते हैं। ये राइडर्स अपना हेलमेट हैंडबैग की तरह इस्तेमाल करते हैं और केवल तब ही इन्हें पहनते हैं जब पुलिस बिना हेलमेट वाले राइडर्स को पकड़ने के लिए चेकिंग कर रही होती है। पुलिस को देखने पर यह रिफ्लेक्स एक्शन कभी-कभी इन राइडर्स को अपना संतुलन खो देने का कारण बन सकता है क्योंकि ये राइडर्स अपने सिर पर हेल्मेट फिट करने की कोशिश कर रहे होते हैं।